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नृसिंहघाट के नजदीक विशाल अन्नक्षेत्र बनाने का प्रस्ताव, मंदिर प्रशासन को मिली है ७ बीघा जमीन
उज्जैन. स्मार्ट सिटी योजना अंतर्गत महाकाल मंदिर के नजदीक विशाल व सुविधायुक्त अन्नक्षेत्र का निर्माण होगा। अधिक खाली स्थान उपलब्ध होने के चलते इस अन्नक्षेत्र को अब रूद्र सागर की जगह नृसिंहघाट के नजदीक बनाने का प्रस्ताव है। अन्नक्षेत्र बहुमंजिला भी बनाया जा सकता है ताकि एक समय में अधिक से अधिक लोग बाबा के प्रसाद का लाभ ले सके। वहीं खाद्य सामग्री सुरक्षित रखने के लिए भी पर्याप्त स्थान उपलब्ध हो सके।
महाकाल रूद्र सागर इंट्रीगेटेड डेवलपमेंट एक्शन प्लान (मृदा) के दूसरे चरण में सुविधायुक्त नया अन्नक्षेत्र बनाने की योजना है। पहले इसका निर्माण छोटे रूद्र सागर के नजदीक प्रस्तावित किया गया था। हाल में मंदिर प्रशासन को नृसिंहघाट क्षेत्र में प्रशासन से ७ बीघा जमीन मिलने के बाद अब इस अन्नक्षेत्र को नृसिंहघाट के नजदीक बनाने प्रस्तावित किया जा रहा है। यह कवायद इसलिए भी हो रही है ताकि एक समय में अधिक श्रद्धालुओं को भोजन कराया जा सके और भीड़ नियंत्रण में भी इसका लाभ मिल सके। हालांकि अभी डीपीआर तैयार नहीं हुई है, एेसे में अन्नक्षेत्र के स्थान, आकार, लागत आदि को लेकर अंतिम निर्धारण नहीं हो पाया है।
फ्रेंच कंपनी से मिलेगा अनुदान
स्मार्ट सिटी में बेहतर कार्यों के लिए अनुदान देने को लेकर फ्रेंच डेवलपमेंट एजेंसी (एएफडी) ने देश की सभी चयनित स्मार्ट सिटी से योजनाएं आमंत्रित की थी। उज्जैन स्मार्ट सिटी कंपनी ने मृदा के उक्त दूसरे चरण का प्रस्ताव प्रस्तुत किया था। प्रोजेक्ट के आधार पर एएफडी ने देश की सभी स्मार्ट सिटीज में से महज १५ का चयन किया, जिसमें उज्जैन भी शामिल है। एएफडी ने अधिकतम ८० करोड़ रुपए का अनुदान तय किया है। उज्जैन को अधिकतम अनुदान ८० करोड़ रुपए मिलेगा। कंपनी द्वारा मृदा के दूसरे चरण में अनुदान दिया जा रहा है, एेसे में प्रस्तावों की मंजूरी में उक्त कंपनी की भी भागीदारी रहेगी।
एेसे मे कंपनी के साथ बैठक होने, भौतिक स्थिति का परीक्षण और प्रस्तावों की व्यवहारिक आवश्यकता आदि के आधार पर निर्णय लिया जाना है। संभावना है कि दिसंबर या अगले वर्ष जनवरी में एएफडी की टीम शहर आ सकती है। स्मार्ट सिटी कंपनी सीइओ प्रदीप जैन के अनुसार मृदा फेज-२ के अन्नक्षेत्र सहित अन्य घटकों के लिए जल्द ही डीपीआर तैयार करवाई जाएगी।